गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया। गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया।
जो छोड़ देते हैं, अपना परिवार बनते वो मीन, जल बिन पारावार। जो छोड़ देते हैं, अपना परिवार बनते वो मीन, जल बिन पारावार।
वहां बसती खुशियां अपार। वहां बसती खुशियां अपार।
वो परिवार में अब बात कहांँ... सूना सा एकल पूरा था संयुक्त जहांँ.. वो परिवार में अब बात कहांँ... सूना सा एकल पूरा था संयुक्त जहांँ..
जीवन में पैसे बढ़ते महत्व को दर्शाती एक कविता... जीवन में पैसे बढ़ते महत्व को दर्शाती एक कविता...
दानव बना दहेज, खुशी है उसकी मेटी। कोमल सा है फूल ,हृदय का टुकड़ा बेटी।। दानव बना दहेज, खुशी है उसकी मेटी। कोमल सा है फूल ,हृदय का टुकड़ा बेटी।।